शिप्रा का जल और महाकाल का आशीर्वाद लेकर कालिदास अकादमी में कलश स्थापना, यात्रा निकली

उज्जैन:अभा कालिदास समारोह की शुरूआत कलश स्थापना के साथ हुई। कलेक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारी रामघाट पहुंचे। यहां से शिप्रा का जल कलश में भरकर महाकाल मंदिर आये। यहां कलश पूजन के बाद कलेक्टर शशांक मिश्र ने उसे बग्घी में रखवाया। महाकाल मंदिर से कलश यात्रा की शुरूआत हुई जिसमें लोकनृत्य और आकर्षक झांकियों ने लोगों का मनमोह लिया।
कलश यात्रा में छात्र छात्राओं के अलावा दर्शन योग कला मंडल उर्दूपुरा व अन्य मंडल शामिल हुए, जिनके सदस्य सिर पर मोर पंख बांधे हुए ग्वाला लोकनृत्य कर रहे थे तो कुछ युवा राजस्थानी वेशभूषा में हाथों में छतरी लेकर लोकनृत्य की प्रस्तुती दे रहे थे। यात्रा में महाराजा विक्रमादित्य के नौ रत्नों के साथ युवाओं ने वेशभूषा धारण कर आकर्षक झांकी बनाई।

 

दो हिस्सों में शामिल हुए बच्चे
यात्रा में हायर सेकेण्डरी स्कूल के बच्चों को शामिल किया था। यात्रा मार्ग की दूरी अधिक होने के कारण बच्चों को दो हिस्सों में शामिल किया। महाकाल से यात्रा में शामिल हुए बच्चे चामुण्डा माता तक चले और यहां से उन्हें बसों में रवाना कर दिया गया। जबकि टॉवर से बच्चों का दूसरा ग्रुप शामिल हुआ।

 

ढाई घंटे तक इंतजार करते रहे बच्चे
महाकाल मंदिर से शुरू होने वाली यात्रा को निर्धारित समय पर टॉवर पहुंचना था। यहां से दूसरे स्कूल के बच्चों को शामिल होना था। उन्हें स्कूल प्रशासन द्वारा सुबह 8 बजे से टॉवर बुलाकर खड़ा कर लिया जबकि कलश यात्रा 10.30 बजे टॉवर पहुंची। ढाई घंटे तक बच्चे धूप में भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे।

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